प्रेम के आते ही शर्म -हया वा बढ़ाई रुखसत हो जाती है। प्रेम के आते ही शर्म -हया वा बढ़ाई रुखसत हो जाती है।
कई लोग बार-बार आज भी यहीं कहते हैं, "राधा" हाँ काल्पनिक थीं। कई लोग बार-बार आज भी यहीं कहते हैं, "राधा" हाँ काल्पनिक थीं।
आस्था का बढ़ा हुआ पेट कह रहा है त्रिकोणीय प्रेम की दास्तां। आस्था का बढ़ा हुआ पेट कह रहा है त्रिकोणीय प्रेम की दास्तां।
सुहागरात की रात को ही अमित को कुछ कुछ समझ में आने लगा था। सुहागरात की रात को ही अमित को कुछ कुछ समझ में आने लगा था।
जैसे जैसे मैं बड़ी होती गई मुझे अपनी मातृभाषा हिंदी से प्यार होता गया । जैसे जैसे मैं बड़ी होती गई मुझे अपनी मातृभाषा हिंदी से प्यार होता गया ।
मेरा कवि मन कहने लगता है, काश मेरे पास एक और जिंदगी होती। मेरा कवि मन कहने लगता है, काश मेरे पास एक और जिंदगी होती।